Friday, February 11, 2011

Review : PATIALA HOUSE * *


कहानी- पटियाला हाउस एक ऐसे परिवार की कहानी है जो चार पी‍ढ़ियों से लंदन में रह रहा है। परिवार के मुखिया हैं गुरतेज सिंह (ऋषि कपूर) जिनके बनाए गए कायदे-कानून के मुताबिक ही परिवार के हर सदस्य को रहना पड़ता है। फिर चाहे उसकी मर्जी हो या न हो। 20 साल पहले की एक घटना के वजह से गुरतेज को अंग्रेजों से नफरत है।

वहीं गुरतेज सिंह के परिवार की नई पीढ़ी अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं, लेकिन बाबूजी के प्रति प्यार और सम्मान की खातिर उन्हें सपनों को एक तरफ रखना पड़ता है। परघट सिंह उर्फ गट्टू (अक्षय कुमार) प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज था, जो इंग्लैंड की तरफ से क्रिकेट खेलना चाहता था, लेकिन बाबूजी की जिद के चलते वो ऐसा नही कर सकता।

मन मारकर गट्टू एक स्टोर पर काम करता है मगर इसी बीच उसे अपना सपना पूरा करने का एक और मौका मिलता है, जिसे वह किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता। यहां गट्टू एक अजीब उलझन में फंस जाता है। वह परिवार चुने या अपना सपना। फिल्म परिवार के रिश्तों की इसी कशमकश पर आधारित है।

स्टोरी ट्रीटमेंट- पारिवारिक ड्रामा होने के नाते फिल्म में काफी इमोशंस हैं, जिसमें क्रिकेट को कहानी से जोड़कर उसे और दिलचस्प बनाने की कोशिश की गई है। निखिल अडवाणी ने सभी कलाकारों से सधा हुआ अभिनय करवाया है। विशेष रूप से ऋषि कपूर ने बहुत ही दमदार अभिनय किया है।

स्टार कास्ट- अपनी कॉमेडी वाली छवि से इतर अक्षय ने इस फिल्म में गंभीर भूमिका निभाई है। अपने सपने को पूरा करने की जद्दोजहद में लगे एक युवक की कशमकश को दर्शाने की अक्षय ने पूरी कोशिश की है। वह कुछ हद तक इसमें कामयाब भी हुए हैं, मगर कई जगह गट्टू के इमोशंस उभारने में चूक गए हैं। सिमरन के किरदार में अनुष्का शर्मा ने ठीकठाक काम किया है। हालांकि फिल्म में उनके करने लायक कुछ खास नहीं था।

म्यूजिक/सिनेमाटोग्राफी/डायलॉग्स- पंजाबी परिवार की कहानी होने के नाते फिल्म का संगीत भी पंजाबी तड़के के साथ परोसा गया है। शंकर-एहसान-लॉय ने फिल्म की थीम के अनुसार अच्छा संगीत रचा है। लेकिन फिल्म में अक्षय कुमार व अनुष्का शर्मा की लव स्टोरी होने के बावजूद एक भी रोमांटिक गाना नहीं है।सिनेमाटोग्राफी और एडिटिंग भी सधी हुई है। खासकर मैच के दृश्यों में काफी तेजी और कसावट है।

क्यों देखें- अगर आप वीकएंड पर मनोरंजक पारिवारिक फिल्म देखने की इच्छा रखते हैं। अक्षय कुमार को कॉमेडी से हटकर कुछ नया करते देखना चाहते हैं। ऋषि कपूर-डिम्पल कपाड़िया के फैन रहे हैं, तो फिर यह फिल्म इस सप्ताह के लिए अच्छी सौगात हो सकती है।

क्यों न देखें- फिल्म की स्टोरी के बारे में लोगों का अनुमान लगाना और वह हूबहू उसी तरह होते जाना।

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